खालवा थाना क्षेत्र में बीते शनिवार को आदिवासी महिला के साथ दो दरिंदों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। तीन दिन बाद भी पुलिस दोनों आरोपितों से पूछताछ में यह पता नहीं कर सकी है कि बर्बरता कैसे की गई और न ही घटनास्थल से ऐसी कोई वस्तु पुलिस जब्त कर पाई, जिससे महिला के निजी अंगों पर हमला किया गया हो।
खालवा थाना क्षेत्र में आदिवासी महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और बर्बरता के मामले में पुलिस ने आरोपित हरि और सुनील को सोमवार को हरसूद कोर्ट में पेश किया था, यहां से पुलिस को मंगलवार तक की रिमांड मिली थी। उल्लेखनीय है कि खालवा थाना क्षेत्र में बीते शनिवार को आदिवासी महिला के साथ दो दरिंदों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। तीन दिन बाद भी पुलिस दोनों आरोपितों से पूछताछ में यह पता नहीं कर सकी है कि बर्बरता कैसे की गई और न ही घटनास्थल से ऐसी कोई वस्तु पुलिस जब्त कर पाई, जिससे महिला के निजी अंगों पर हमला किया गया हो।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपित नशे में होने की वजह से कुछ याद नहीं होने की बात कह रहे हैं।
मंगलवार को आरोपितों को खंडवा कोर्ट लाने से पहले गांव में क्राइम सीन रिक्रियेट करने भी पहुंची थी
।खालवा टीआइ जगदीश सिंधिया ने कहा कि आरोपितों से पूछताछ की जा रही है।
आरोपित हरि की मां की भूमिका के संबंध में उन्होंने कहा कि मामला जांच में है, जांच जारी है, पूरी होने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंच पाएंगे
।आरोपित हरि के पिता ने घटना के संबंध में कहा कि घटना की सूचना मिलने पर दिल दहल गया था। हमारे घर में घटना हुई है, घर में क्या हुआ था, ये तो मुझे जानकारी नहीं है।
लेकिन बेटे ने जो भी किया वो गलत किया है, और इसकी सजा उसको मिलनी चाहिए, उन्होंने कहा कि और गलत किया है तो उसे भोगना ही पड़ेगा
।ग्रामीणों ने कहा कि घटना का मुख्य कारण शराब है, पूरे खालवा क्षेत्र में शराब बिक रही है। अवैध शराब के धंधे फल-फूल रहे हैं। ये सब घटनाएं भी नशे में हो रही है। ग्रामीणों ने मांग करते हुए कहा कि खालवा क्षेत्र में शराब बंद होनी चाहिए। ग्रामीणों ने कहा कि अब तक कि पीढ़ी तो नशे में बर्बाद हो चुकी, अब आगे बच्चों को संभालना है तो नशे पर प्रतिबंध लगाना ही होगा।