शुक्रवार को सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था। बालक के पिता ने भी नाराजगी जताई थी। बालक ने पुलिस को बताया था कि वह अपने दोस्तों के साथ मोहल्ले में क्रिकेट खेल रहा था। इसी दौरान दो अज्ञात लोगों ने उसकी आंख में पट्टी बांध कर बाइक से अपहरण कर लिया था। वह किसी तरह स्टेशन के पास खुद को छुड़ा कर थाने पहुंचा था।
लालबाग थाना क्षेत्र के बहादरपुर गांव से एक चौदह वर्षीय बालक के अपहरण की कहानी आखिरकार झूठी निकली। सीसीटीवी कैमरों की जांच और साथियों से पूछताछ के बाद शनिवार को लालबाग थाना प्रभारी अमित जादौन ने बताया कि मां के डांटने पर बालक घर से भागा था।
वह अपने गांव से ऑटो पकड़ कर पहले सिंधी बस्ती चौराहे पहुंचा और वहां से रेलवे स्टेशन का पता पूछकर वहां पहुंचा। शुक्रवार सुबह दस से 12 बजे तक उसने स्टेशन में ट्रेन की प्रतीक्षा की, लेकिन जब कोई ट्रेन नहीं आई तो बाहर आ गया। उसे वापस घर लौटने में घबराहट हो रही थी।
इसके चलते वह थाने के पास स्थित मंदिर में खड़ा हो गया और पुलिस जवानों को देखते ही उन्हें अपने अपहरण की झूठी कहानी सुना दी। ऐसा इसलिए किया ताकि घर लौटने पर उसे दोबारा डांट नहीं खानी पड़े। पूछताछ में बालक ने अपहरण की झूठी कहानी रचने की बात भी स्वीकार कर ली है।
ज्ञात हो कि शुक्रवार को सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था। बालक के पिता ने भी नाराजगी जताई थी।
बालक ने पुलिस को बताया था कि वह अपने दोस्तों के साथ मोहल्ले में क्रिकेट खेल रहा था। इसी दौरान दो अज्ञात लोगों ने उसकी आंख में पट्टी बांध कर बाइक से अपहरण कर लिया था
।पहुंचा था। इसे गंभीरता से लेते हुए एसपी देवेंद्र पाटीदार ने पूरे मामले की सूक्ष्मता से जांच करने के निर्देश दिए थे।
पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे खंगालने के साथ बालक के दोस्तों से भी पूछताछ की थी। इसमें उन्होंने बताए गए घटना के समय उसके वहां नहीं होने की पुष्टि की थी
।इस कार्रवाई में एसआई जयपाल सिंह राठौर, परसराम पटेल, आरक्षक यशवंत तिजारे, नितेश सपकाडे, महेश की सराहनीय भूमिका रही है।