चैती छठ महापर्व के तीसरे दिन व्रती डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं. इसे संध्या अर्घ्यo कहा जाता है, जो छठ पूजा का एक महत्वपूर्ण चरण है. इस दिन व्रती कमर तक पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं
संध्या अर्घ्य का समय (Chaiti Chhath 2025)
सूर्यास्त का समय: विभिन्न स्थानों के अनुसार संध्या अर्घ्य का समय अलग-अलग हो सकता है.
रायपुर: शाम 6:18 बजे
पटना: शाम 6:05 बजे
दिल्ली: शाम 6:20 बजे
वाराणसी: शाम 6:10 बजे
कोलकाता: शाम 5:50 बजे
संध्या अर्घ्य विधि (Chaiti Chhath 2025)
स्नान एवं पूजा की तैयारी – व्रती पवित्र स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा की टोकरी तैयार करें.
अर्घ्य देने की सामग्री – बांस की टोकरी में ठेकुआ, गन्ना, नारियल, मिठाई, चावल के लड्डू और फल रखें।
संध्या अर्घ्य विधि (Chaiti Chhath 2025)
स्नान एवं पूजा की तैयारी – व्रती पवित्र स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा की टोकरी तैयार करें.
अर्घ्य देने की सामग्री – बांस की टोकरी में ठेकुआ, गन्ना, नारियल, मिठाई, चावल के लड्डू और फल रखें.
जल में खड़े होकर अर्घ्य दें – नदी, तालाब या घर के जलाशय में खड़े होकर लोटे में जल, दूध, अक्षत और फूल डालकर सूर्य को अर्पित करें.
सूर्य मंत्रों का जाप करें – “ॐ सूर्याय नमः” या “ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्” मंत्रों का उच्चारण करें।