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मऊगंज के नईगढ़ी थाना क्षेत्र के बहुती जलप्रपात में बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा का शव

रतनगाव का 500 फीट गहरे जलप्रपात में मिला शव

 

मऊगंज के नईगढ़ी थाना क्षेत्र के बहुती जलप्रपात में बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा का शव 500 फीट गहरी खाई में मिला। सुसाइड नोट में उसने दुनिया से ऊबने की बात लिखी। परिजनों की गुमशुदगी रिपोर्ट के बाद ग्रामीणों ने बैग व शव

दुनिया छोड़कर जा रही हूं। अब संसार से मेरा मन ऊब चुका है। अगर आप लोग मुझे माफ कर पाएं, तो कर देना। मेरा जीना ही गलत है। इस दुनिया में मैं बस इतने दिन के लिए ही आई थी। इस दुनिया में आज मेरा अंतिम दिन है।”

यह सुसाइड नोट बहुती प्रपात के पास मिले बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा के बैग से मिला। छात्रा का शव शनिवार को नईगढ़ी थाना क्षेत्र के बहुती जलप्रपात में 500 फीट नीचे चट्टानों में फंसा मिला।

कॉलेज के लिए घर से निकली थी छात्रा

लड़की रतनगवा गांव की रहने वाली थी, जो शुक्रवार सुबह कॉलेज जाने का कहकर घर से निकली थी। देर रात तक वापस न लौटने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की और जब कोई सुराग नहीं मिला तो मऊगंज थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई

।रात में बहन के पास आया फोन

रात में युवती की बहन के पास एक अज्ञात नंबर से फोन आया, जिसमें एक युवक ने कहा कि वह तो चली गई, अब हम भी चले जाएंगे। इससे परिवार और ज्यादा परेशान हो गया।

 

शनिवार सुबह जलप्रपात के पास कुछ ग्रामीणों को छात्रा का बैग दिखाई दिया। बैग में छात्रा का पता और एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें रैना ने दुनिया से ऊबने की बात लिखी थी और परिजनों से माफी मांगी थी।

बेटी के कपड़ों से पहचान

ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस और परिजनों को दी। सूचना मिलते ही छात्रा के पिता नंदलाल विश्वकर्मा घटनास्थल पर पहुंचे। तलाश करने पर उन्हें चट्टानों में बेटी के कपड़े नजर आए, जिसके बाद उन्होंने शव की पहचान की।

पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव को बाहर निकाला और मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी नईगढ़ी जगदीश सिंह ठाकुर ने बताया कि प्राथमिक जांच में सुसाइड का मामला है। किशोरी ने प्रपात में छलांग लगाई है। घटना का मर्ग कायम कर मौत के कारणों की जांच कराई जा रही है।

अंतिम संस्कार करने के लिए नहीं पाएंगे शव

सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा कि, “मैं दुनिया छोड़कर जा रही हूं। अब संसार से मेरा मन ऊब चुका है। अगर आप लोग मुझे माफ कर पाएं, तो कर देना। मेरा जीना ही गलत है। इस दुनिया में मैं बस इतने दिन के लिए ही आई थी। इस दुनिया में आज मेरा अंतिम दिन है

। लेकर घर से निकली थी बेटी

पिता नंदलाल विश्वकर्मा ने कहा, बेटी ने शुक्रवार को घर में पूजा करने के बाद खाना खाया। फिर कॉलेज के लिए निकलने लगी, तो मैंने पूछा कि किराए हैं? वह बोली हैं, फिर भी 50 रुपए दिए। इसके बाद वह कॉलेज के लिए निकल गई।

 

जब वह दोपहर 2 बजे के बाद घर वापस नहीं लौटी, तो हमने उसे फोन लगाया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। मैंने सोचा कि कॉलेज में होगी। फिर 3 बजे फोन मिलाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

कॉलेज में साथ पढ़ने वाली कई लड़कियों से फोन लगवाया, फिर भी वह फोन नहीं उठा। इसके बाद कॉलेज पहुंचकर चपरासी समेत अन्य लोगों से पता किया। वे बोले कि सब छात्र चले गए। इसके बाद हमने मऊगंज थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।

 

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