जुन्नारदेव —– नगर के शासकीय महाविद्यालय जुन्नारदेव में शुक्रवार 21 फरवरी को बाल विवाह रोकथाम पर एकदिवसीय व्याख्यान माला का आयोजन महाविद्यालय प्राचार्य डॉक्टर एक टांडेकर की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर महिला बाल विकास विभाग परियोजना क्रमांक 2 के परियोजना अधिकारी प्रिंस साहू एवं उनके सहयोगी राहुल विश्वकर्मा द्वारा बाल विभाग के दुष्प्रभाव बताए गए। श्री साहू द्वारा पीपीटी प्रेजेंटेशन दिया गया जिसमें बाल विवाह समाज में एक अभिशाप है सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए शिक्षित होकर जागरूक होना और बाल विवाह की रोकथाम करना हमारा कर्तव्य है इन बातों से उन्होंने अपनी बात प्रारंभ किया। बाल विवाह अधिनियम 2006 के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी। बालिका जिसका विवाह कम उम्र में हो जाता है उसे शारीरिक रूप से किन-किन बीमारियों से जूझना पड़ता है। कुपोषण, यौन समस्याएं, मानसिक रूप से अस्वस्थ आदि अनेक समस्याएं जन्म लेती है। गर्भावस्था कम उम्र होने के कारण बालिकाओं की मौत तक हो जाती है इसके भयानक रूप पर प्रकाश डाला गया। महाविद्यालय में चार विद्यार्थी छात्राओं को एम्बेसडर के रूप में नियुक्त किया गया जिसमें गजल बरखाने, नैनी राजपूत, अर्चिता मिगलानी और पूनम राकेशिया को कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय स्नातक एवं स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर एम्बेसडर चुना गया। यह छात्राएं महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ मिलकर बाल विवाह की रोकथाम के लिए सक्रिय सहयोग महाविद्यालय को प्रदान करेगी और समय-समय पर जागरूकता के कार्यक्रम रेलिया पोस्ट प्रतियोगिताएं रंगोली प्रतियोगिताएं और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से नुक्कड़ नाटक के माध्यम से यह छात्राएं महाविद्यालय को एक दिशा प्रदान करेगी और उनके द्वारा बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समझ में रोकने के लिए निरंतर आगामी भविष्य में प्रयास किए जाएंगे।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर ए के टांडेकर द्वारा छात्र एवं छात्राओं को सामाजिक कुरीति बाल विवाह और अंधविश्वास जैसी गतिविधियों को रोकने हेतु आह्वान किया गया। कानूनी कार्यवाही के लिए उन्होंने अधिनियम 2006 के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी कार्यक्रम के संचालन में मुख्य रूप से कार्यक्रम की रूपरेखा जो शासन के द्वारा दी गई थी इस पर डॉक्टर संगीता वाशिंगटन कार्यक्रम प्रभारी के द्वारा प्रकाश डाला गया और संचालन किया गया। बाल विवाह जैसी कुप्रथा के लिए विद्यार्थियों को स्लोगन भी दिया गया कि पहले शिक्षा फिर विदाई जैसे स्लोगंस पर बोल दिया गया अंत में कार्यक्रम का समापन आभार खेल अधिकारी नीरज पाल के द्वारा किया गया और भारत माता की जय के उद्घोष से कार्यक्रम का समापन किया गया l कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के अधिकारी कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।