नईदिल्ली।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए एक कोलेटरल-फ्री टर्म लोन योजना जल्द ही लॉन्च करने जा रही है, जिसका उद्देश्य उनके उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देना है. यह योजना जल्द ही कैबिनेट के समक्ष रखी जाएगी।
बैंगलोर में नेशनल MSME क्लस्टर आउटरिच प्रोग्राम के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि यह नई क्रेडिट गारंटी योजना MSME सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगी, जिससे उन्हें आधुनिक संयंत्र और मशीनरी खरीदने के लिए टर्म लोन मिलेगा. यह योजना खासतौर पर MSMEs के लिए है जो अब तक टर्म लोन प्राप्त करने में मुश्किलें महसूस कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि यह योजना 100 करोड़ रुपये तक के कोलेटरल-फ्री लोन को कवर करेगी और लाभार्थी बिना किसी तीसरे पक्ष की गारंटी के बैंक से उधार ले सकते हैं. इससे MSMEs को बिना किसी जमानत या गारंटी के बड़े ऋण मिलने की संभावना होगी।
सीतारमण ने यह भी बताया कि पिछले समय में आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) के तहत MSMEs को आसानी से कार्यशील पूंजी ऋण मिल सके, जिससे कोविड संकट के दौरान कई MSMEs को वित्तीय संकट से उबारा गया. दिसंबर 2023 तक, ECLGS के तहत 11.9 मिलियन से अधिक उधारकर्ताओं को ₹3.68 लाख करोड़ के ऋण की गारंटी दी गई थी।
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यह नई योजना, सरकार के बजट प्रस्तावों में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो MSME और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए विशेष ध्यान देने का वादा करती है. इसके तहत वित्तीय सहायता, नियामक बदलाव और प्रौद्योगिकी समर्थन जैसी विभिन्न पहल की गई हैं. सीतारमण ने बताया कि आगामी समय में सरकार MSME के लिए कई अन्य उपायों पर भी काम कर रही है।
जिनमें Mudra लोन सीमा बढ़ाने और MSME क्रेडिट के लिए नए आकलन मॉडल का निर्माण शामिल है।