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Homeभोपालएमसीयू में "सहेली टुगेदर फॉर नेशन" जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न,  

एमसीयू में “सहेली टुगेदर फॉर नेशन” जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न,  

 

 

भोपाल | माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में गुरुवार को आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) एवं महिला विकास प्रकोष्ठ द्वारा प्रज्ञा प्रवाह के सहयोग से “सहेली – टुगेदर फॉर नेशन” विषय पर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया । विश्वविद्यालय के तक्षशिला भवन स्थित श्रीनिवास रामानुजन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में छात्राओं को सामाजिक सुरक्षा, आत्म-सम्मान और वैचारिक हमलों से सावधान रहने के लिए जागरूक किया गया।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता राष्ट्रीय महासचिव, इंडिया तिब्बत समन्वय संघ, मध्यप्रदेश महिला आयोग की पूर्व सदस्य तथा ‘कल्याणी’ मासिक पत्रिका की संपादिका सुश्री राजो मालवीय थीं। अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने की ।

मुख्य वक्ता सुश्री राजो मालवीय ने अपने प्रभावशाली वक्तव्य में कहा कि यह केवल धर्म का मुद्दा नहीं है, यह एक योजनाबद्ध षड्यंत्र है, जिसमें भोली-भाली और असुरक्षित लड़कियों को निशाना बनाया जाता है । यह एक वैचारिक युद्ध है ।

 

उन्होंने स्पष्ट किया कि कैसे प्रेम, संबंध और मित्रता के नाम पर लड़कियों को मानसिक रूप से प्रभावित कर गलत दिशा में मोड़ा जाता है और अंततः उन्हें नुकसान पहुंचाया जाता है । उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि केरल में 400 से अधिक लड़कियों का अपहरण कर जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया, और यह शब्द ‘लव जिहाद’ पहली बार वहीं एक न्यायाधीश द्वारा परिभाषित किया गया । उन्होंने छात्राओं को सचेत करते हुए यह भी बताया कि यह सुनियोजित गतिविधियां जिम, कोचिंग, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से की जाती हैं। भोपाल में पिछले साल तीन दर्जन से अधिक मामले दर्ज हुए हैं । उन्होंने चेताया कि इस पूरे तंत्र को आर्थिक मदद भी दी जाती है और इसमें लड़कियों की तस्वीरों का गलत उपयोग,खरीद-फरोख्त तथा जबरन विवाह जैसे घातक पहलू शामिल हैं।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने 1994 का एक प्रसंग साझा किया, जिसमें इंदौर में एक प्रभावशाली व्यवसायी दंपत्ति ने आत्महत्या की थी । उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को एक संगठित और योजनाबद्ध तरीके से फंसाया गया था । उन्होंने कहा कि हमें धर्म के परे जाकर, समाज में हो रहे इस प्रकार के वैचारिक हमलों को समझना होगा और उससे जूझने के लिए संगठित होना होगा।

कार्यक्रम के समापन पर आंतरिक शिकायत समिति की प्रमुख एवं डीन अकादमिक, प्रो. पी. शशिकला ने कहा कि इस जागरूकता सत्र का उद्देश्य किसी धर्म या समुदाय के विरुद्ध नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक सतर्कता की दिशा में उठाया गया कदम है ताकि किसी भी अनहोनी से पहले जागरूकता के माध्यम से उसकी रोकथाम की जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसे गलत संदर्भ में न लिया जाए, बल्कि छात्राओं की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को ध्यान में रखते हुए इसे एक सकारात्मक प्रयास के रूप में देखा जाना चाहिए ।

कार्यक्रम में सभी ने विषय की गंभीरता को समझते हुए इससे संबंधित तथ्यों एवं उपायों पर गंभीर विचार किया। संचालन महिला विकास प्रकोष्ठ की सदस्य सुश्री मनीषा वर्मा ने किया ।

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