पापमोचनी एकादशी, जिसे पापों का नाश करने वाली एकादशी के रूप में जाना जाता है, इस वर्ष 25 मार्च को मनाई जाएगी. इसे सभी प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाने वाली एकादशी माना जाता है.j
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धार्मिक ग्रंथों, विशेष रूप से भविष्योत्तर पुराण, में इसकी महिमा का विस्तार से वर्णन किया गया है. यह एकादशी उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है, जो अपने पूर्व में किए गए पापों से मुक्त होना चाहते हैं और आध्यात्मिक उन्नति की कामना रखते हैं।
एकादशी तिथि एवं पारण समय
प्रारंभ: 25 मार्च को सुबह 5:05 बजे
समाप्त: 26 मार्च को सुबह 3:45 बजे
पारण (व्रत खोलने) का समय: 26 मार्च को सुबह 6:17 बजे से 8:45 बजे तक
पापमोचनी एकादशी का महत्व
पापों से मुक्ति: इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के जाने-अनजाने में हुए पापों का नाश हो जाता है.
मोक्ष की प्राप्ति: इसे करने से व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है और जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।
मन की शुद्धि: यह व्रत मन को शांत करता है और बुरी प्रवृत्तियों को समाप्त करता है.
भगवान विष्णु की कृपा: जो भक्त श्रद्धा और भक्ति से इस व्रत को रखते हैं, उन्हें भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
संतान सुख: यह व्रत संतानहीन दंपतियों के लिए भी लाभकारी माना जाता है।