ग्वालियर यर सिर पर पत्थर मारा रेप, पेट में चाकू से मारा
ग्वालियर में एक दिल दहला देने वाली घटना में, 60 वर्षीय महिला के साथ दो लोगों ने दुष्कर्म किया और उसे घायल कर दिया। महिला को गंभीर चोटें आईं और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उन पर मामला दर्ज किया गया है।
दुष्कर्म केवल एक शारीरिक आघात नहीं, बल्कि आत्मा पर ऐसा गहरा घाव है जो जीवनभर नहीं भरता। यह एक ऐसा अपराध है जो न केवल पीड़िता के शरीर को क्षति पहुंचाता है, बल्कि उसके आत्मसम्मान, मानसिक शांति और सामाजिक प्रतिष्ठा को भी नष्ट कर देता है।
यह पीड़ा केवल कुछ पलों की नहीं होती, बल्कि समाज की विषैली सोच और न्यायिक प्रक्रिया की जटिलताओं के कारण पीड़िता को बार-बार मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है। दुष्कर्म किसी एक महिला पर किया गया अपराध नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण मानवता पर एक अमानवीय आक्रमण है।
इस भयावह अपराध के विरुद्ध हमें केवल कठोर कानून बनाने की आवश्यकता नहीं, बल्कि समाज की सोच बदलने और एक संवेदनशील वातावरण बनाने की भी जरूरत है। जहां हर महिला अपने अस्तित्व को सुरक्षित महसूस कर सके।
यह बात जिला और सत्र न्यायालय के षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार ने एक 60 वर्षीय महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दोषियों को सजा सुनाते हुए कही। चार वर्ष पहले एक पूड़ी बेलने वाली महिला से दो लोगों ने दुष्कर्म किया और उसे अधमरा छोड़कर चले गए।
इस मामले में दो लोगों जनकगंज निवासी राजू उर्फ भरत और माधौगंज निवासी कालू उर्फ दिलीप को आरोपित बनाया गया। मामले की ट्रायल में महिला ने सिर्फ राजू पर दुष्कर्म का आरोप लगाया, कालू पर कोई आरोप नहीं लगाया। जिसके बाद पुलिस ने भी मामले में खात्मा रिपोर्ट पेश कर दी।
चार साल ट्रायल चलने के बाद सजा सुनाई गई
जब अपर लोक अभियोजक मिनी शर्मा ने इस मामले में आवेदन लगाया और दोनों आरोपितों की डीएनए जांच की गई। जांच में दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तो पुलिस ने दोबारा विवेचना करने के लिए कोर्ट से अनुमति ली और कालू को भी आरोपित बनाते हुए चालान पेश किया। इस मामले में चार साल ट्रायल चलने के बाद मंगलवार को आरोपितों को सजा सुनाई गई।